मै दिन का शोर, तुम शांत भोर,
मै बहता जल, तुम ठहरे छोर,
तेरी आँखे नम मेरी हैं कठोर,
मै टुकड़ो में, तुम एक डोर,
फिर इतना आकर्षण क्यूँ है?
मेरा जाता कल, तेरा आता कल,
मै बहका सा, तुम हो अचल,
मै श्याम पट, तुम नभ धवल,
मै छाया हूँ, तुम हो असल,
फिर भी इतना आकर्षण है,
तुम हो प्रयाग, मुझपे है दाग,
मै कर की मांग, तुम सरल त्याग,
तुम घुप तिमिर, मै व्यग्र राग,
मेरे भस्म से, तुम कहती "जाग",
अब भी इतना आकर्षण है...
-अनुभव
Thursday, August 26, 2010
Wednesday, August 25, 2010
Thursday, August 12, 2010
Now recruiting - New Team for LoL Season 1
Team Name:Vancraft Luftwaffe
Team Warsign - The VanCraft
Current team:
1. DPS - Ashe - iolotusbobo
2. DPS - Teemo - stormryder
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Thursday, August 5, 2010
आज ना होगा कल जैसे
फिर क्यूँ सोचे तू ऐसे ?
आज हुआ क्या कल जैसे ?
जब शाम अधूरी चुप बैठी
तब रहे अँधेरा चुप कैसे ?
बात बनी न जब शह से
मात करेगा तू कैसे ?
हाथ खुले हैं आँखे बंद,
ख्वाब बुनेगा क्या भय से?
जब बोल रहा हो जग लय से,
क्या शोर करेगा तू ऐसे?
तू रात अधूरी रहने दे,
सुबह शुरू कर बस जय से!
फिर ना सोचेगा तू ऐसे,
की आज हुआ फिर कल जैसे...
-अनुभव
आज हुआ क्या कल जैसे ?
जब शाम अधूरी चुप बैठी
तब रहे अँधेरा चुप कैसे ?
बात बनी न जब शह से
मात करेगा तू कैसे ?
हाथ खुले हैं आँखे बंद,
ख्वाब बुनेगा क्या भय से?
जब बोल रहा हो जग लय से,
क्या शोर करेगा तू ऐसे?
तू रात अधूरी रहने दे,
सुबह शुरू कर बस जय से!
फिर ना सोचेगा तू ऐसे,
की आज हुआ फिर कल जैसे...
-अनुभव
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